Monday, June 9, 2014

Tanhaaye

उसकी आँखों में
इंतज़ार था
एहसास था
मुस्कुराहट थी
इतिहास था
लम्हे थे
चाहत थी
उम्मीद थी पलटकर देखने की
दीवानापन था
जुनून था
सपने थे
जीवन था
चेतना थी
सावन था
रातें थी
बादलों के घूँघट से निहारती चाँदनी थी
 और
मेरी आँखों में
सिर्फ़ तन्हाई ...

Wazood

 लोगों  की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ  फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ  दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती  मेरी ये आवारगी मुझ को...