उसने कुछ कहना चाहा
पर उससे कुछ कहा न गया
शब्द खामोश थे और
आँखें बोल रही थीं
अनकही सी प्यास
आँखों से बह रही थी
परछाई से परछाई
अलविदा कह रही थी
फिर कब और कहाँ ?
स्मृतियों की वेदना
जीवन यही है।।।।
Ghar is a place where dreams live for those who lives in ghar Tumhara Dil hi hamara Ghar Hai
लोगों की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती मेरी ये आवारगी मुझ को...
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