Monday, March 28, 2022

 उसने कुछ कहना चाहा 

पर उससे कुछ कहा न गया 

शब्द खामोश थे और 

आँखें बोल रही थीं 

अनकही सी प्यास 

आँखों से बह रही थी 

परछाई से परछाई 

अलविदा कह रही थी 

फिर कब और कहाँ ?

स्मृतियों की वेदना 

जीवन यही है।।।। 


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