Wednesday, September 28, 2022

Wazood

 लोगों  की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ 

फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ 

दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती 

मेरी ये आवारगी मुझ को मुझ से है मिलाती 

तुम मुझे प्यार करो या हिकारत करो मुझसे 

मेरे वजूद ने मुझे अपने पर ऐतबार सिखाया है 

    

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Wazood

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