दर्द के एहसास को अब रहने दो
बुझ न पायी प्यास अब रहने दो
छोड़ के गए थे तुम जिस डगर को
वहां बन गयी मज़ार अब रहने दो
न जाने कितने सावन पतझर बन गए
पर न हुआ तेरा दीदार अब रहने दो
वक़्त बेरहम मेरा मेहबूब बन गया
जिंदगी ने आज़माया बार बार अब रहने दो
अपनी तो तमन्ना थी तुम्हे पाने की
नामुमकिन तो नहीं था ख्वाब अब रहने दो
बुझ न पायी प्यास अब रहने दो
छोड़ के गए थे तुम जिस डगर को
वहां बन गयी मज़ार अब रहने दो
न जाने कितने सावन पतझर बन गए
पर न हुआ तेरा दीदार अब रहने दो
वक़्त बेरहम मेरा मेहबूब बन गया
जिंदगी ने आज़माया बार बार अब रहने दो
अपनी तो तमन्ना थी तुम्हे पाने की
नामुमकिन तो नहीं था ख्वाब अब रहने दो