Saturday, March 19, 2011

Holi

अब के बरस होली में 
बरसे तेरे प्यार का अबीर गुलाल 
राधा के संग भीगे नन्दलाल 
अब के बरस होली में ........

अब के बरस होली में 
सांवला सलोना मुखड़ा यूं हो गया है लाल   
मौसम भी कर रहा है  कमाल 
महंगाई का हुल्लड़ भी है बेमिसाल     
अब के बरस होली में ........

अब के बरस होली में 
गुजियों का मिठास ले जीजा आये ससुराल 
भाभी ने देवर का किया मुहं लाल 
मौहल्ले की हर  छत पे  मचा है धमाल 
अब के बरस होली में ........

अब के बरस होली में 
भंग के पकौड़े खा के झूम रहे रामलाल 
गोलू की माँ भी कर रही कमाल 
ताऊ भी आज लग रहे हैं हीरो हीरालाल 
हर तरफ मस्ती का है गोलमाल 
अब के बरस होली में ........

Tuesday, March 15, 2011

tanhaayee

रात की तन्हाई 
और बिस्तर की सिलवटें 
एक दास्ताँ छोड़ आयी फिर 
यूँ ही हर रोज़  की तरह 
एक खामोश सुबह 
फिर से 
मेरी हमसफ़र बन गयी यूं ही    
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Saturday, March 12, 2011

sadak

ये आवारा सी दौड़ती भागती सडकें 
लुकती  ,   छुपती  ,सहमी, सिमटी सी सडकें 
ठिठुरती , भीगती ,दहकती , दमकती सडकें
एक अंतहीन मकडजाल सी ये सडकें
और 
इन सड़कों पर 
परछाइयों  को  पकड़ने के लिए भागते हुए लोग 
 परछाइयों में सपने बुनते हुए ये लोग 
न जाने चले जाते हैं कहाँ 
और में मूक दर्शक सा सदियों से 
ये तमाशा देख रहा हूँ  

Wazood

 लोगों  की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ  फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ  दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती  मेरी ये आवारगी मुझ को...