Sunday, September 13, 2020

kaal

 काल का सृजन हूँ में 

काल ही में बह रहा 

काल की ही शून्यता में 

चेतना को सह रहा 

काल ही है  मुक्ति मेरी 

काल ही वो पाश है 

काल ही है कल्पना 

काल ही संसार है 

काल से है उत्पत्ति 

काल से ही है तिमिर 

काल से ही है प्रभा 

काल ही है साधना 

काल ही है सुधा 

काल को नमन है मेरा 

काल ही भगवान् है 



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