काल का सृजन हूँ में
काल ही में बह रहा
काल की ही शून्यता में
चेतना को सह रहा
काल ही है मुक्ति मेरी
काल ही वो पाश है
काल ही है कल्पना
काल ही संसार है
काल से है उत्पत्ति
काल से ही है तिमिर
काल से ही है प्रभा
काल ही है साधना
काल ही है सुधा
काल को नमन है मेरा
काल ही भगवान् है
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