Tuesday, May 24, 2011

Bazm

ज़िन्दगी में कभी ऐसा भी मुकाम आये 
तेरे लब पे कभी मेरा भी नाम आये .

कट रही है जिंदगी बस इसी एहसास में 
तेरी याद न आये एक ऐसी शाम आये .

तुझसे रूबरू हो पाऊँ ऐसी मेरी किस्मत कहाँ 
तेरा तस्सवुर रूबरू हो जाये तो भी जान आये .

किस हक से किस रिशते से पुकारूं तुझे 
खुदा कह कर पुकारूं तो खुदाई न रूठ जाए.

दीवानगी के जूनून में हमने भुला दिया सब कुछ 
तेरी चाहत में हम पे ऐसे भी इलज़ाम आये.

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