ज़िन्दगी में कभी ऐसा भी मुकाम आये
तेरे लब पे कभी मेरा भी नाम आये .
कट रही है जिंदगी बस इसी एहसास में
तेरी याद न आये एक ऐसी शाम आये .
तुझसे रूबरू हो पाऊँ ऐसी मेरी किस्मत कहाँ
तेरा तस्सवुर रूबरू हो जाये तो भी जान आये .
किस हक से किस रिशते से पुकारूं तुझे
खुदा कह कर पुकारूं तो खुदाई न रूठ जाए.
दीवानगी के जूनून में हमने भुला दिया सब कुछ
तेरी चाहत में हम पे ऐसे भी इलज़ाम आये.
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