Monday, May 25, 2020

Prateeksha

बंद नयन होने पर जो छवि दिख जाती है
नैनों के खुलने पर क्यों ओझल हो जाती है ?
ये वर्षों की प्रतीक्षा का व्याकुल हृदय है
नयन तुम खुले ही रहना , प्रतीक्षा रहेगी अनवरत। ..  

No comments:

Post a Comment

Wazood

 लोगों  की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ  फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ  दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती  मेरी ये आवारगी मुझ को...