बंद नयन होने पर जो छवि दिख जाती है
नैनों के खुलने पर क्यों ओझल हो जाती है ?
ये वर्षों की प्रतीक्षा का व्याकुल हृदय है
नयन तुम खुले ही रहना , प्रतीक्षा रहेगी अनवरत। ..
नैनों के खुलने पर क्यों ओझल हो जाती है ?
ये वर्षों की प्रतीक्षा का व्याकुल हृदय है
नयन तुम खुले ही रहना , प्रतीक्षा रहेगी अनवरत। ..
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