Saturday, May 30, 2020

Youvan

तुम्हारा ये दर्पण
जिसमें तुम्हारा
अपनी काया को निहारना
अपने यौवन पर इतराना
अपने आप को देख कर मुस्कुराना
अपने आप से प्रेम की अभिव्यक्ति है
या है किसी और के प्रेम का स्फुटन
जो भी है वो है
उस ईश्वर का अभिनन्दन
पर यह है सत्य है बस इसी  क्षण
इसी क्षण में जीवन का करो आलिंगन
कल
तुम्हारा ये दर्पण
तुम्हे बदला हुआ देखेगा
और तुम उस दर्पण में
अपने अतीत के क्षण
स्मृतियों में ढूंढ़ते रहोगे

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