Saturday, September 25, 2010

mirror

मुझे मेरी सूरत
आईने में अब
भाती नहीं
आईने को मेरी
पहली सूरत अब
याद  आती नहीं
मैंने देखा है
आईने को अक्सर मुस्कुराते हुए
वक़्त की तस्वीर
आईने में
नज़र आती नहीं
वक़्त आईना है
या
आईना वक़्त है
ये पहेली
मुझे समझ
अब आती नहीं

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