Friday, September 24, 2010

Tumhi sambhalo

ख्वाबों की टहनियों में
लगे हुए आकांक्षाओं के पुष्प
और आसमान में चमकते हुए
अनगिनित अनुभूतियों के सितारे
समय के आँचल में करवट लेते अनुभव
आवारा हवा के झोंके सी तन्हाई
तुम्हें पाने की ललक
मेरे क्षितिज
शब्द अर्थ और वेदना
सब
तुम्हीने तो दिया है
अब
तुम्ही संभालो


 

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