Thursday, October 8, 2020

chidiya

 उसकी आंखों में एक सपना दिखा 

और साथ में भय भी 

उसकी आँखों में उत्सुकता थी 

वो ढूंढ़ रही थी धरा 

जहाँ वो कर सके सृजन 

अपने अस्तित्व का। .. 

वो चाहती थी बनाना 

एक सुरक्षित घरोंदा , अपनी चाहतों का 

और उसने ढूंढ लिया वह स्थान 

जहाँ रखा उसने एक अंडा 

कई दिनों तक वो उसकी निगरानी करती रही 

धूप , बारिश ,अंधड़ ,जानवर और इंसान 

इन सबसे लड़ती रही 

सच में माँ से सुन्दर कुछ नहीं 

न  माँ जैसा कोई योद्धा , 

न माँ जैसा कोई गुरु ,

प्रकृति की सबसे सुन्दर रचना है माँ 

फिर अंडे से निकला उसका ही जीवन 

अभी तो चोंच से खाना  सिखाना  है 

फिर चलना , उड़ना सिखाना  है 

चिड़िया (माँ) तुम यूहीं हिम्मत नहीं खोना 

यूहीं सपने सजोती रहना 

- अजीत सिंह चौहान 


Sunday, September 20, 2020

Uravashi

कोई मर्म इस ह्रदय  पर यूहीं नहीं है जन्म लेता

इस  समर की वेदी पर आहुति होती है वेदना 

अश्रु जल ही सींचता  है इस प्रेम के अंकुर को सदैव 

तब कहीं जा कर पुष्प बनता है सुगंध की प्रेरणा 

और सुगंध ही तो है जीवन  की सुन्दर वल्लिका 

स्वप्न की निर्झर बयार है तो जीवन है, सृजन है 

रति है तो प्रेम है , मिलन है , विरह की अगन है 

एक  पुरुरवा को उसकी उर्वशी का चिंतन है 



Sunday, September 13, 2020

kaal

 काल का सृजन हूँ में 

काल ही में बह रहा 

काल की ही शून्यता में 

चेतना को सह रहा 

काल ही है  मुक्ति मेरी 

काल ही वो पाश है 

काल ही है कल्पना 

काल ही संसार है 

काल से है उत्पत्ति 

काल से ही है तिमिर 

काल से ही है प्रभा 

काल ही है साधना 

काल ही है सुधा 

काल को नमन है मेरा 

काल ही भगवान् है 



Friday, August 28, 2020

Rain

मेघ गरज गरज कर उमड़ आये 

प्रियवर तुम सावन लाये 

वर्षा ऋतु का यौवन है ये 

या तुम्हारा  स्मरण है ये 

विरह की भीषण ऊष्मा को 

शीतलता का उपहार लाये 

प्रियवर तुम सावन लाये 

वसुधा की प्यास बुझाने को 

मिट्टी में कुसुम  खिलाने को 

नव जीवन अमृत पिलाने को 


चेतनता को जगाने को 

मेघ गरज गरज कर उमड़ आये 

प्रियवर तुम सावन लाये 




Thursday, July 23, 2020

kamal nayan

समय की रेत भी जिसे दबा न सकी हो
परिस्थितियों की आंधी जिसे उड़ा न सकी हो
प्रेमिका के  कमल नयनों के प्रहार ने  विचलित किया
एक योद्धा के हृदय को बह्रमास्त्र ने जैसे भेदन किया 

Thursday, June 11, 2020

prem

प्रेम में अगर विरह न हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर पाना ही हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर पीड़ा न हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर पश्चाताप हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर वासना  ही हो
 तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर आंसू न हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में अगर वैराग्य न हो
तो प्रेम व्यर्थ है
प्रेम में आगरा भक्ति न हो
तो प्रेम व्यर्थ है 

Monday, June 8, 2020

prabhu

इस भीड़ भाड़ भरी दुनिया में
क्यौं मुझे लगता है सन्नाटा सा पसरा
मेरे ह्रदय के भीतर एक शून्य गहरा
लगता है सब भ्रम , मिथ्या माया
सत्य क्या है ?
समय , परिस्थितियो का महा समुद्र
हम सब उसमें बहती हुई लहरें
कहाँ से आये और कहाँ है जाना ?
एक शून्य से अनंत की य़ात्रा
क्या यही सत्य है ?
तुम ही बता दो , मेरे प्रभु .

Thursday, June 4, 2020

chitvan

तेरे मतवारे नयनों ने
कुछ एसा जादू डाला है
तेरी अंगड़ाई में हाला है
तेरे चितवन में मधुशाला है.

Wednesday, June 3, 2020

Blank Space

पहले परीक्षा में कुछ प्रश्न ऐसे आते थे
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
उस रिक्त स्थान में उपयुक्त शब्द का आना
उस वाक्य को जीवन दे देता था
आज भी जीवन में
ऐसे रिक्त स्थान आते रहते है
कुछ को उपुक्त शब्द मिल जाते है
कुछ स्थान भर तो जाते है पर
शब्द उपुक्त नहीं होते
और
कुछ स्थान रिक्त ही रह जाते है। 

Monday, June 1, 2020

var do

ये ज्वाला जो धधक  रही है 
मेरी चेतना में 
ज्वालामुखी है भीतर 
लावा फूट  रहा है व्याकुलता का 
हे प्रभु !
तुम प्रेम का सागर बन कर 
मेरे अधीर मन को 
शीतलता का वर दो। 

Sunday, May 31, 2020

priyawar

तुम्हारा स्मरण
और हाथ में ये
चाय की प्याली
मेरे अधरों को मिली
कोई बांसुरी मतवाली
ये प्रेम की आतुरता है
या है अनुराग तुम्हरा
हर दृश्य में तुम ही को देखा है
ये भ्रम है या मिथ्या
तुम ही जानो
मैं तो बस ये ही मानू
मुस्कान ये मेरे अधरों पर
तुम ही लाये हो प्रियवर



Saturday, May 30, 2020

Youvan

तुम्हारा ये दर्पण
जिसमें तुम्हारा
अपनी काया को निहारना
अपने यौवन पर इतराना
अपने आप को देख कर मुस्कुराना
अपने आप से प्रेम की अभिव्यक्ति है
या है किसी और के प्रेम का स्फुटन
जो भी है वो है
उस ईश्वर का अभिनन्दन
पर यह है सत्य है बस इसी  क्षण
इसी क्षण में जीवन का करो आलिंगन
कल
तुम्हारा ये दर्पण
तुम्हे बदला हुआ देखेगा
और तुम उस दर्पण में
अपने अतीत के क्षण
स्मृतियों में ढूंढ़ते रहोगे

Wednesday, May 27, 2020

ladki

लड़कियों में
और
चिड़ियों में
होती है कितनी समानता
दोनों ही चहकती हैं
प्यार से बुलाओ
तो फुदकती हैं
डाँट दो तो
उड़ जाती हैं 

Monday, May 25, 2020

Prateeksha

बंद नयन होने पर जो छवि दिख जाती है
नैनों के खुलने पर क्यों ओझल हो जाती है ?
ये वर्षों की प्रतीक्षा का व्याकुल हृदय है
नयन तुम खुले ही रहना , प्रतीक्षा रहेगी अनवरत। ..  

Thursday, May 21, 2020

khawb

एक नन्हा सा  ख़ुआब
नींद में कचोटी  मार कर
जगा देता है रात को अक्सर
जागने पर मिलती है
मेरी मेहबूबा सी तन्हाई 

uljhan

दर्द, तड़प , आवारगी और तन्हाई
मेरे हिस्से में ज़िंदगी बस ख्वाब में आयी
प्यास तो मेरी ओस की बूँद से बुझ जाती
नदी की तलाश में यूँही ज़िंदगी बिताई 

Wazood

 लोगों  की इस भीड़ में खोया सा रहता हूँ  फिर भी में अक्सर तनहा तनहा रहता हूँ  दुनियादारी क्या चीज़ है मुझे समझ नहीं आती  मेरी ये आवारगी मुझ को...